लम्हों की नमी को महसूस किया था जो तुम्हारी आँखों की कोर पर अटका था तुम बहुत आगे निकल गए अपना पूरा पी... लम्हों की नमी को महसूस किया था जो तुम्हारी आँखों की कोर पर अटका था तुम बहुत आगे ...
मां की पसन्द की रखी है सब चीजें आज यहां आंगन में, बस मां का स्पर्श नहीं है आज जो रहत मां की पसन्द की रखी है सब चीजें आज यहां आंगन में, बस मां का स्पर्श नहीं है...
प्रेम,इतना विराट है कि जो इसमे खो गया, जीने का अंदाज सीख जाता है। प्रेम,इतना विराट है कि जो इसमे खो गया, जीने का अंदाज सीख जाता है।
प्रत्येक दोपहर,हवा,बैरागी धूप,पलक,नीम का पेड़ इतने दिन सब एकसार सा कैसे ? प्रत्येक दोपहर,हवा,बैरागी धूप,पलक,नीम का पेड़ इतने दिन सब एकसार सा कैसे ?
भस्म हो जाता है कण - कण भस्म हो जाता है कण - कण
जो समय की रेत में कहीं खो गए थे धूल बनकर, जो समय की रेत में कहीं खो गए थे धूल बनकर,